इस्लाम धर्म में हरे रंग को क्यों माना जाता है पाक

हिंदू या सनातन धर्म में केसरिया रंग का बहुत महत्व है। मान्यता है कि इस रंग को अग्नि से लिया गया। सनातन धर्म के अनुसार केसरिया रंग सूर्य, मंगल और बृहस्पति जैसे ग्रहों का प्रतिनिधित्व करता है। इसी के साथ माना जाता है कि केसरिया रंग मन को शांति प्रदान करता है। इसी वजह से संसार से मोह माया त्याग मन की शांति प्राप्त करने के लिए जो भी व्यक्ति ध्यान की ओर बढ़ता है वो इस केसरिया रंग को अपना लेता है। तभी तो साधु-संत केसरिया चोला पहनते हैं।
इस्लाम धर्म में हरे रंग का बहुत महत्व है। दरगाह की चादर से लेकर झंडे तक सब कुछ हरे रंग का होता है। दरअसल, माना जाता है कि इस्लाम धर्म की स्थापना करने वाले पैगंबर मोहम्मद हमेशा हरे रंग के कपड़े पहनते थे। उनका मानना था कि हरा रंग खुशहाली, शांति और समृद्धि का प्रतीक है। इसके साथ ही इस्लाम धर्म से जुड़ी रचनाओं में ऐसा कहा गया है कि हरा रंग जन्नत का प्रतीक है क्योंकि वहां रहने वाले लोग हरे रंग के वस्त्र पहनते हैं। इसी वजह इस्लाम से जुड़ी ज्यादातर हरे रंग की होती हैं। जैसे मस्जिद की दीवारें, उन दीवारों पर लटके फे्रम, दरगाह में चढ़ाई जाने वाली चादर, ध्यान लगाने वाली माला, कुरान को रखने वाला कपड़ा आदि।


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