मुख्य प्रतिनिधि ॥ भोपाल
विधानसभा का बजट सत्र असमय समाप्त होते ही कांग्रेस नेेताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चारों ओर से हमला बोल दिया है। लेटर-वॉर के जरिए सभी दिग्गजों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सवालों की बौछार कर दी है। साथ ही सरकार की कार्यशैली पर भी आरोप लगाए हैं।
पहला पत्र कल कांग्रेस सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य ङ्क्षसधिया ने शिवपुरी शहर के जल संकट को लेकर मुख्यमंत्री को लिखा है। सिंधिया ने अपने पत्र में शहर की इस समस्या को शहरवासियों के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश बताया है। दूसरा पत्र नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रीति आत्महत्या मामले में पुलिस और सरकार की कार्यशैली को लेकर लिखा है। सिंह ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि प्रीति को आप अपनी बेटी या भांजी मानते हैं कि नहीं? साथ ही पूछा है कि यदि प्रीति को आप अपनी भांजी मानते हैं तो सदन में चर्चा से गायब क्यों रहे? चर्चा क्यों नहीं कराई। आपके मंत्री नरोत्तम मिश्रा कहते हैं कि पीडब्लूडी मंत्री ने प्रीति को अपनी बहू तो मान लिया है, इतने असंवेदनशील हैं आपके मंत्री। सिंह ने जवाब मांगते हुए पूछा है कि प्रीति को न्याय कब मिलेगा। उसके परिवार को पुलिस द्वारा परेशान करने एवं मंत्री रामपाल के परिजनों द्वारा धमकाने का मामला भी सिंह ने अपने पत्र में उठाया है। शाम होते-होते प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेज दिया है। यादव ने पत्र लिखकर प्रदेश के शासकीय पेंशनधारियों के लिए सातवें वेतनमान की मांग की है। यादव ने लिखा है कि जो अधिकारी-कर्मचारी जनवरी 2016 के पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके हैं, को सातवे वेतनमान का लाभ दिया जाना चाहिए। यादव ने कहा कि प्रदेश में 2016 के पूर्व सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए वे लंबे समय से आंदोलन भी कर रहे हैं।
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