नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि कुल 31 करोड़ में से करीब 20 फीसदी निष्क्रिय हैं. वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि फरवरी तक खोले गए करीब 31.20 करोड़ जनधन खातों में कुल जमा राशि 75,000 करोड़ रुपये से ज्यादा थी, जिसमें से 25.18 करोड़ खातों (81 फीसदी) में लेन-देन किया जा रहा था. इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत खोले गए 6 करोड़ से ज्यादा खाते (19.29 फीसदी) निष्क्रिय हैं.
50 लाख से अधिक खाते बंद
शिव प्रताप शुक्ला ने यह भी कहा कि इस योजना की शुरुआत के बाद से फरवरी तक करीब 59 लाख (1.9 फीसदी) जनधन खाते बंद कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि खाताधारक के अनुरोध पर जनधन खातों को बंद किया गया है. कुछ जनधन खातों को खाताधारक के आग्रह पर सामान्य बचत खाते में परिवर्तन की वजह से बंद किया गया.
2014 में शुरू हुई थी योजना
जनधन योजना की घोषणा 15 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. इसका शुभारंभ 28 अगस्त, 2014 को किया गया. इस परियोजना की औपचारिक शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री ने सभी बैंको को इ-मेल भेजा जिसमें उन्होंने ‘हर परिवार के लिए बैंक खाता’ को एक ‘राष्ट्रीय प्राथमिकता’ घोषित किया और सात करोड़ से भी अधिक परिवारों को इस योजना में प्रवेश देने और उनका खाता खोलने के लिए सभी बैंको को कमर कसने को कहा. योजना के उद्घाटन के दिन ही 1.5 करोड़ बैंक खाते खोले गए.
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