जामसावली हनुमान की नाभि से निकलता है जल

मध्यप्रदेश में एक से बढ़कर एक मंदिर हैं। छिंदवाड़ा के सौसर में एक ऐसा ही स्थान (जामसांवली मंदिर) है जो अनोखे रहस्यों और प्रताप के लिए जाना जाता है। मंदिर को लेकर श्रद्धालुओं की आस्था है कि यहां पूजा-अर्चना करने से भूत प्रेत का साया हटता है। मंदिर में हर दिन सैकड़ों ऐसे लोग भी पहुंचते हैं जो किसी न किसी तरह की मानसिक बीमारी से ग्रस्ति रहते हैं। आज हम यहां आपको इस मंदिर की खूबियों के बारे में बता रहे हैं…
रोज होती है पूजा-पाठ
मंदिर में प्रतिदिन पूजा-पाठ होती है। हर दिन यहां मेले जैसा माहौल बना रहता है। लोगों का मानना है कि जामसांवली मंदिर में पूजा-पाठ करने के साथ ही यहां के जल को ग्रहण करने से कई रोगों से मुक्ति मिलती है। सवा माह मंदिर में किसी के हाथ का भोजन किए बिना रहना पड़ता है। सिर्फ काली चाय पी सकते हैं। श्रीराम नाम और जय हनुमान का जाप करना पड़ता है। कार्तिक पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, चैत्र की पूर्णिमा, रामनवमीं, हनुमान जयंती, वैशाख पूर्णिमा सहित अन्य पर्वों पर यहां विशेष पूजा अर्चना होती है। भजन-कीर्तन और भंडारे का आयोजन किया जाता है।
महाकाल की तर्ज पर हो रहा निर्माण
जामसांवली हनुमान मंदिर का निर्माण महकाल मंदिर उज्जैन की तर्ज पर किया जा रहा है। अभी तक इसके पिल्लर खड़े किए जा चुके हैं। उज्जैन से आए महाकाल मंदिर के वास्तुकार श्रीमाली की सलाह पर कुछ तकनीकी संशोधन किए गए हैं। करीब 20 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे मंदिर को पूर्ण करने का लक्ष्य 2018 में रखा गया है।
देश के इकलौते हनुमान जो आराम की मुद्रा में
चमत्कारी हनुमानजी की प्रतिमा आराम की मुद्रा में देश में जामसांवली के अलावा और कहीं नहीं है। सालों से भगवान पीपल के पेड़ के नीचे विराजमान हंै। बताया जाता है कि वर्षों पहले भगवान की मूर्ति यहां खड़ी अवस्था में थी, लेकिन नीचे खजाना होने की जानकारी चोरों को मिली और वे चोरी करने मंदिर पहुंचे। भगवान का चमत्कार देख चोर वहां से भाग गए, लेकिन खजाने की सुरक्षा के लिए भगवान उस पर लेट गए।
मानसिक बीमारी से पीडि़तों की भीड़ ज्यादा
जामसांवली का मंदिर अनोखे रहस्य और तेज के लिए जाना जाता है। श्रद्धालुओं की अस्था है कि मंदिर में पूजा-पाठ करने से भूत और प्रेत का साया दूर होता है। पूजा करने के लिए हर दिन सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। पूजा पाठ करने वालों में सबसे अधिक संख्या किसी न किसी तरह की मानसिक बीमारी से पीडि़त लोग होते हैं। भगवान की नाभि से निकलने वाले जल को भी लोग प्रसाद के रूप में गृहण करते हैं। कई लोग जल को बोतल में लेकर जाते हैं। मंदिर के कुछ रहस्य हैं जिनके बारे में आज तक आपने कभी नहीं सुना होगा।
पूजा की थाली में यह शामिल
चमत्कारी हनुमान जी की पूजा के लिए मंदिर परिसर के अंदर ही थाली मिलती है। थाली में पूजा की सभी सामग्री होती है जो भगवान को चढ़ाई जाती है। भगवा चोला, सिंदूर, अकोना के फूल की माला, प्रसाद में गुड़, चना और बूंदी के लड्डू चढ़ाए जाते हैं।


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