उदयपुरा मंत्री रामपाल सिंह की पुत्रवधु की आत्महत्या के बाद आज सुबह उसके शव का पोस्टमार्टम तो हो गया है लेकिन परिजन अपने दामाद से ही दाह संस्कार कराने के लिए अड़े हुए हैं। मृतका के पिता चंदन सिंह ने आज उदयपुरा पुलिस प्रशासन को एक आवेदन भी सौंपा। आवेदन में जो भाषा चंदन सिंह ने लिखी है उससे स्पष्ट है कि चंदन सिंह और उनका परिवार उदयपुरा निवासी मंत्री रामपाल सिंह की दबंगता से भयभीत है और उसे शक है कि भविष्य में न सिर्फ उसके परिवार पर दबाव बनाया जाएगा, बल्कि जीवन यापन पर भी प्रभाव पड़ सकता है। उसने अपने आवेदन में स्पष्ट लिखा है कि उसकी पुत्री ने कल सुबह 4-5 बजे आत्महत्या की है और उसके पति गिरजेश प्रताप सिंह राजपूत पिता श्री रामपाल सिंह राजपूत पीडब्ल्यूडी मंत्री ही हैं। उसने अपने परिवार की सुरक्षा की मांग करते हुए लिखा है कि यदि भविष्य में उसके साथ किसी भी तरह की कोई घटना घटती है तो उसके लिए पूर्ण रूप से आरोपी और प्रशासन को माना जाएगा।
बेटी महत्वपूर्ण या मंत्री : अजय सिंह
प्रीति रघुवंशी आत्महत्या मामले में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह पर जमकर हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री यह बताएं कि उनके लिए ड्रायवर की बेटी ज्यादा महत्वपूर्ण है या मंत्री रामपाल सिंह।उन्होनें कहा है कि अगर मुख्यमंत्री वाकई महिला हितैषी हैं, तो वह अपने मंत्री के खिलाफ वही कानून लागू करें जो आम जनता के मामले में लागू होता है। सरकार द्वारा प्रीति रघुवंशी आत्महत्या मामले के संदेहियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए कार्रवाई होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा सीएम अगर महिलाओं को बहन, बेटी और भांजी मानते हैं तो उन्हें मंत्री और उनके पुत्र के विरूद्ध वही कानून लागू करना चाहिए जो आम जनता के लिए लागू होती है।
उन्होंने कहा महिलाओं और बेटियों को लेकर बड़ी बातें करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मंत्री रामपाल सिंह की बहू द्वारा आत्महत्या करने के मामले में अपनी कथनी और करनी में अंतर नहीं करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा एक ड्रायवर की बेटी द्वारा मंत्री पुत्र से विवाह इतना नागवार था कि उसे आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ा। अजय सिंह ने कहा कि एक पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी की इजाजत क्या शिवराज सरकार में मंत्री के पुत्र को है? उन्होंने आरोप लगया है कि कि इस पूरे मामले में मंत्री रामपाल सिंह की भूमिका स्पष्ट दिखाई देती है।
गंदी राजनीति न करे कांग्रेस : नंदकुमार
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार चौहान ने कहा कि, प्रीति द्वारा आत्महत्या किया जाना दुखद है, लेकिन जिस तरह से मंत्री रामपाल सिंह को लेकर प्रश्न उछाला जा रहा है वह उचित नहीं है।मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि, आत्महत्या से पहले प्रीति ने जो पत्र लिखा है, वह मुख्य दस्तावेज है, उसमें कहीं भी किसी भी प्रकार से पीडब्ल्यूडी मंत्री और उनके पुत्र, परिवार या परिवार के किसी अन्य सदस्य के नाम का कोई उल्लेख नहीं है। श्री चौहान ने कहा कि, किसी को पति बताना और बनाना ये उचित नहीं है। इतने संवेदनशील मामले में कांग्रेस जैसी गंदी राजनीति कर रही है, वैसी हमने कहीं नहीं देखी। जांच में सब बिंदु स्पष्ट होंगे जो कुछ है वो सब स्पष्ट है।
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गूंज सकते हैं यह सवाल
1. जब पुलिस मामूली छेड़छाड़ की घटना पर अपराध दर्ज कर लेती है तो यहां एक आत्महत्या के तुरंत बाद एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की?
2. क्या कोई इस पर भरोसा करेगा की किसी परिवार का बेटा कहीं गुपचुप शादी कर ले और उसे पता न हो?
3. मंत्री रामपाल सिंह के कथन पर कौन विश्वास करेगा कि वे उनके बेटे गिरजेश और प्रीति के विवाह के बारे में नहीं जानते थे। अगर नहीं जानते थे तो प्रीति ने यह क्यों लिखा कि उसके परिवार को प्रताडऩा से बचाया जाए।
4. इस विवाह के बारे में जब लड़की का पिता आर्य समाज मंदिर का सर्टिफिकेट दे रहा है तो उसे कैसे नकारा जा सकता है।
5. पड़ोसी होने के बावजूद मंत्री रामपाल सिंह क्या इस विवाह को मानने को इसलिए तैयार नहीं थे क्योंकि चंदन सिंह एक ड्राइवर मात्र है।
6. अगर रामपाल सिंह का परिवार इस विवाह के बारे में नहीं जानता था तो वह क्यों प्रीति के परिजनों पर दबाव डाल रहे थे कि दूसरी जगह शादी कर दें।
7. रामपाल सिंह के जो संपर्क सूत्र विरोधियों के बरसों पुराने रहस्यों को सफलता पूर्वक खोज लाते हैं क्यों उन्हें इस विवाह के बारे में मालूम नहीं था?
8. क्या इस मामले में अपने पद और प्रभाव का रामपाल सिंह दुरुपयोग नहीं कर रहे? क्योंकि यदि ऐसा नहीं है तो पुलिस ने सुसाइड नोट मिलने के बाद भी तात्कालिक रूप से कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।
9. प्रीति को अपने पति गिरजेश के दुबारा विवाह किए जाने की बात मालूम हो गई थी, अगर उसकी सगाई न हुई होती तो वह क्यों आत्महत्या करती।
10. रामपाल सिंह अपने पुत्र के पहले विवाह के तथ्य को मानने से इनकार कर रहे हैं, क्या उनकी सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा पर कोई आंच आएगी?
11. कायदे से तथ्यों का पता करने और न्याय के लिए मंत्री रामपाल सिंह को क्या स्वयं आगे नहीं आना चाहिए?
12. प्रीति की आत्महत्या के बाद दिन भर आक्रोशित रहे उसके परिजन जो तब तक पोस्टमार्टम नहीं कराने के लिए अड़े हुए थे जब तक मंत्री और उनके बेटे मृतका को देखने आ नहीं जाते, फिर रातभर में ऐसा क्या हुआ कि सुबह नौ बजे परिजन पोस्टमार्टम के लिए तैयार हो गए?
13. दिनांक 17 मार्च को सुबह 5 बजे हुई आत्महत्या को पुलिस ने दोपहर 3 बजे तक क्यों गोपनीय रखा? और पोस्टमार्टम से पहले पुलिस ने पोस्टमार्टम की वीडियो रिकार्डिंग करने का आश्वासन दिया था, लेकिन पोस्टमार्टम स्थल से अंतिम समय में मृतका के परिजनों द्वारा भेजे गए कैमरामेन को क्यों अस्पताल से बाहर भेज दिया? (पेज 13 भी देखें)
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