हर महीने 7.5 करोड़ रूपए का नुकसान, एयरटैक्सी की बंद

विशेष संवाददाता ॥ भोपाल
प्रदेश में पर्यटकों के सुविधाओं के लिए चलाई गईएयरटैक्सी ने दम तोड़ दिया है। इसके संचालन से राज्य सरकार को रोजाना 25 लाख रुपए की चपत लग रही है। यानी हर महीने सरकार को बतौर सब्सिड़ी एयर टैक्सी का संचालन कर रही कंपनी को 7.5 करोड़ रुपए देना पड़ रहा था। इसके चलते एयरटैक्सी का संचालन बंद कर दिया गया है। इधर, कंपनी प्रबंधन का दावा है कि नए विमानों की खरीदी की जा रही। इसलिए किराए पर लिए गए दोनों विमान लौटाकर घरेलू उड़ानों का संचालन अभी कुछ दिनों के लिए बंद हो गया है। नए विमान आते ही इन उड़ानों का संचालन फिर किया जाएगा।
मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम ने प्रदेश के प्रमुख शहरों को जोडऩे के लिए एयरटैक्सी के लिए जून 2017 में प्रभातम् एविएशन प्रालि. से अनुबंध किया था। इस अनुबंध के अनुसार प्रभातम् एविएशन के लिए मई 2020 तक (3 साल) घरेलू उड़ानों का संचालन करना था। इसका संचालन भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सतना के बीच होना था। इस कंपनी के साथ एग्रीमेंट हुआ था कि यात्री नहीं मिलने की स्थिति में सरकार सब्सिडी देगी। बताया जा रहा है कि यह सब्सिडी रोजाना 25 लाख रुपए के करीब पड़ रही है।
इधर, टैक्सी को पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे थे। वह भी पहले दिन से घाटे में चल रही थी। दूसरा उसने किराए पर जो विमान लिए थे, उसे भी कंपनी ने लौटा दिया है। प्रभातम् एविएशन प्रबंधन ने जबलपुर, सतना, भोपाल, इंदौर सहित अन्य एयरपोर्टों के कार्यालयों में पदस्थ करीब 3 दर्जन कर्मचारियों को नौकरी से हटाकर बुकिंग कार्यालय भी बंद कर दिए है। बताया जा रहा है कि प्रभातम् ने मप्र पर्यटन निगम मुख्यालय भोपाल को घरेलू उड़ानों का संचालन बंद होने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।
प्रदेश की पहली एयर टैक्सी ‘वेंचुराÓ
प्रदेश शासन की घरेलू उड़ानों का सफर सितंबर 2011 से शुरू हुआ। नागरिकों के लिए सबसे पहले वेंचुरा एयरकनेक्ट की सेवाएं मिलीं। इस कंपनी की उड़ानों का संचालन सप्ताह में 6 दिन (रविवार छोड़कर) भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के बीच होता रहा। कुछ दिनों के बाद ग्वालियर की हवाईसेवा बंद हो गई। वेंचुरा एयरकनेक्ट का अनुबंध समय सितंबर 2014 में समाप्त हो गया। मप्र पर्यटन निगम ने वर्ष-2016 में फिर नया टेंडर निकाला और घरेलू उड़ानों का संचालन करने के लिए प्रभातम् एविएशन का चयन कर लिया।
किराए पर लिया गया था विमान
प्रदेश की हवाई सेवाओं का संचालन करने प्रभातम् एविएशन ने ओडिशा की एक निजी हवाईसेवा कंपनी से विमान किराए पर लिया। इस विमान के लिए डीजीसीए ओडिशा ने उड़ान भरने का अनुमति पत्र जारी दिया था। जबकि डीजीसीए ओडिशा ने सितंबर 2018 में विमान को दिया समय पूरा होते ही उसे उड़ान भरने से रोक दिया। यह विमान करीब 15 दिन तक भुवनेश्वर एयरपोर्ट में पार्क रहा।


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