विशेष संवाददाता ॥ भोपाल
सोनचिरैया अभयारण्य से गांव और मजरे-टोले की जमीन को अलग -अलग बाहर करने का मामला सुलझा लिया गया है। पहले वन विभाग ने अलग से मजरे टोलों की जमीन को चिन्हित करने के लिए राजस्व अमले से कहा था, लेकिन ग्राउंड लेवल पर ऐसा संभव न होने से वन विभाग को यथास्थिति बता दी गई थी। अब वन विभाग ने सहमति दे ही है कि अलग से मजरे-टोले नहीं अब पूरा क्षेत्र ही बाहर कर दिया जाएगा। इससे परेशानी नहीं आएगी।
घाटीगांव क्षेत्र में सोनचिरैया अभयारण्य से 8 0 वर्ग किमी की नोटिफाइड जमीन को बाहर करने की प्रक्रिया चल रही है। जिसमें पहले 110 वर्ग किमी का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। 8 0 वर्ग किमी के क्षेत्र में 25 गांव बाहर किए जाएंगे, लेकिन इन गांवों के अंदर मजरे-टोले भी बसे हैं जो लंबे समय से यहीं हैं। वन विभाग का कहना था कि इन मजरे-टोलों की जमीन चिन्हित कर इन्हें अलग से डी-नोटिफाइड किया जाए। ऐसे में राजस्व अमले ने बताया कि एक-एक मजरे टोले को अलग से चिन्हित नहीं किया जा सकता है। एक व्यक्ति की जमीन है तो उसकी अलग -अलग जगहों पर जमीन होती है तो ऐसे में अलग -अलग जमीनों को बाहर नहीं किया जा सकता । वन विभाग ने तय किया है कि गांवों को ही बाहर किया जाएगा। जिससे अलग अलग जमीन के हिस्सों को बाहर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी
ग्रामीणों के संपर्क में अधिकारी
सोनचिरैया अभयारण्य से नोटिफाइड जमीन को डी-नोटिफाई करने के लिए अधिकारी ग्रामीणों के संपर्क में हैं। अधिकारों के विनिश्चयन के तहत ग्रामीणों से उनकी समस्याएं जानी जा रहीं हैं। जिससे उन्हें हल किया जा सके। मजरे टोले में रहने वाले लोगों से खासकर क्षेत्र को लेकर विस्तृत चर्चा की जा रही है।
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