50 हजार रु. लेकर टिकट देने के विरोध में अजय सिंह, कहा- फैसला मंजूर नहीं

भोपाल. विधानसभा चुनाव में टिकट का आवेदन करने वालों से पार्टी फंड में 50 हजार रुपए जमा कराने के फॉर्मूले पर प्रदेश कांग्रेस में बगावत शुरू हो गई है। शनिवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष  ने कहा कि पैसा लेकर टिकट दिया जाना उचित नहीं है। इसके लिए सिर्फ एक ही आधार होना चाहिए। प्रत्याशी की योग्यता और चुनाव जीतने की क्षमता। पार्टी को ऐसे उम्मीदवार चिन्हित करना चाहिए जो वास्तव में चुनाव जीत सकते हैं। इससे पहले कांग्रेस सांसद  भी प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया की मौजूदगी में ऐसी ही बात कह चुके हैं। हालांकि सिंधिया ने यह भी कहा था कि यह निर्णय संगठन का है जो सबको मानना चाहिए।

क्या है 50 हजार का पेंच
आर्थिक संकट से गुजर रही कांग्रेस ने हाल ही में टिकट के हर आवेदक से पार्टी फंड के लिए 50 हजार रुपए के डिमांड ड्राफ्ट लेने की शर्त रखी है। टिकट मिले या नहीं, यह पैसा पार्टी के कोष में जमा होना ही है। यह घोषणा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने एक बैठक में की थी। हालांकि विरोध होने पर उन्होंने इसमें शर्तें जोड़ते हुए कहा था कि जो उम्मीदवार आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं और चुनाव जीत सकते हैं, उन्हें पार्टी यह ड्राफ्ट नहीं लेगी, बल्कि चुनाव अपने खर्च पर लड़ाएगी।

100 से ज्यादा ने टिकट के लिए आवेदन दिए, 25 ने तो पैसे भी जमा कराए

प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस का टिकट आवेदन फार्म पार्टी की वेबसाइट और सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों पर उपलब्ध है। अभी तक 100 से ज्यादा लोगों ने टिकट के आवेदन लिए हैं, जिनमें से 25 ने नाॅन रिफंडेबल बैंक ड्राफ्ट के साथ आवेदन जमा भी कर दिए हैं। इनमें 20 पुरुष और 5 महिलाएं हैं। पुरुषों ने 50 हजार और महिलाओं ने 25 हजार के बैंक ड्राफ्ट जमा किए हैं। औसतन पांच आवेदन रोज पीसीसी में जमा हो रहे हैं।


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