सच संवाददाता।। भोपाल
मध्यप्रदेश में सरकारी अस्पताल के रूप में बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने वाला अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) मध्यप्रदेश का पहला ऐसा चिकित्सालय बन गया है जहां सबसे ज्यादा 54 प्राइवेट वार्ड बनकर तैयार हो गए है। इनके बनने से दूसरे जिले से आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं राजधानी के सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल वर्तमान समय में प्राइवेट वार्ड की कमी से जूझ रहा है। इसी के साथ जयप्रकाश अस्पताल में 20 प्राइवेट वार्ड है, मगर स्टाफ की कमी के चलते यहां पर इनमें ताला डला है।
बताया जाता है कि एम्स अस्पताल में यहां 80 नए चिकित्सकों की भर्ती की प्रबंधन द्वारा की गई। इस चिकित्सकों की कमी दूर होगी। चिकित्सालय में बनाए गए प्राइवेट को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। वार्डों में टीवी, फ्रिज के साथ ही बैठने के लिए सोफे का इंतजाम भी किया गया है। इसी के साथ यहां 4 वीवीआईपी वार्ड भी बनाए गए है। इस चिकित्सालय में भोपाल के अलावा अन्य जिलों से आने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। दूसरे जिलों के मरीज इलाज के लिए एक दिन पहले ही यहां पहुंच जाते है। कभी-कभी नम्बर न मिल पाने के कारण उन्हें दूसरे दिन का भी इंतजार करना पड़ता है।
साकेत नगर स्थित एम्स चिकित्सालय का निर्माण कार्य वर्ष 2003 में आरंभ हुआ था। यहां पर लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसे करीब साढ़े नौ सौ बिस्तरों वाला अस्पताल बनाने पर काम चल रहा है। ओपीडी के दूसरे छोर पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। चार माह के अंदर यहां की सुविधाओं में ओर तेजी से विस्तार किया जाएगा। बाहर से आने वाले मरीजों के लिए भी वेटिंग रूम बनाया जाएगा।
सुपर डीलक्स वार्ड भी
एम्स परिसर में बने प्राइवेट वार्ड बनकर तैयार हो गए है। यहां पर 4 वीवीआईपी और 50 सुपर डीलक्स वार्ड भी बनाए गए है, जहां मरीजों को अत्याुधनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। इसी के साथ एक माह के अंदर 30 और डाक्टरों की भर्ती यहां हो सकेगी। एम्स में सभी विशेषज्ञ चिकित्सकों की डिमांड को पूरा किया जा रहा है।
वर्जन
एम्स में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखकर प्राइवेट वार्डों की संख्या में इजाफा किया गया है। 54 वार्ड तैयार हो चुके है। यहां आने वाले मरीजो को बेहतर सुविधा मिले इसके लिए चिकित्सकों की भी भर्ती प्रक्रिया चल रहा है।
डा. नितिन एम नागरकर, डायरेक्टर एम्स भोपाल
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