विशेष संवाददाता ॥ भेापाल
प्रदेश में 3 लाख 40 हजार ड्रायविंग लाइसेंस और गाडिय़ों के रजिस्ट्रेशन निर्धारित पते पर नहीं पहुंच पाते हैं या फिर बीच में गुम जाते हैं। यह आंकड़ा हर साल बनने वाले कुल लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की संख्या का 20 फीसदी है। इस समस्या से निपटने के लिए परिवहन विभाग अब लोगों को आरटीओ से लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन मुहैया कराएगा। साथ ही अब इसके लिए एक से ड़ेढ महीने का इंतजार नहीं करना होगा। हालांकि डाक से भेजने का विकल्प रखा जाएगा।
विभगाीय जानकारी के अनुसार, प्रदेश में हर साल 6 लाख ड्राइविंग लाइसेंस व 11 लाख नई गाडिय़ों के रजिस्ट्रेशन किए जाते हैं। फिलहाल ड्राइविंग लाइसेंस व गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कार्ड संबंधित व्यक्ति के पास डाक के माध्यम से भेजे जाने की व्यवस्था है। इसके लिए लोगों को एक से डेढ़ महीनेक का इंतजार करना पड़ता है, लेकिन 20 फीसदी कार्ड ऐसे हैं, जो पहुंचने से पहले गुम हो जाते हैं या फिर से डाक विभाग लौटाकर विभाग में जमा कर देता है। जब संबंधित व्यक्ति को कार्ड नहीं मिलता है तो वह आरटीओ कार्यालय शिकायत लेकर पहुंचता है। इस दौरान कई बार कर्मचारियों और लोगों के बीच अप्रिय स्थिति निर्मित हो जाती है। वहीं, नया कार्ड बनवाने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। परिवहन मुख्यालय तक भी शिकायतें पहुंचती हैं, जिसके चलते विभाग व्यवस्था परिवर्तन करने जा रहा है। नई व्यवस्था में संबंधित व्यक्ति को हाथों-हाथ कार्ड दिया जाएगा। जैसे कि किसी व्यक्ति ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए फोटो खिंचवाया है। उसे एक से दो घंटे बाद कार्ड हाथ में दे दिया जाएगा। इसी तरह रजिस्ट्रेशन कार्ड दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, परिवहन विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है।
जारी रहेगा पहला विकल्प भी
विभाग पोस्ट ऑफिस से भी कार्ड को भेजने की व्यवस्था को खत्म नहीं करेगा। हाथों हाथ कार्ड के साथ-साथ डाक विभाग से कार्ड भेजने की व्यवस्था को बरकरार रखा जाएगा। अगर कोई व्यक्ति कार्यालय में 1 से 2 घंटा नहीं रुकना चाहता है और वह डाक से रजिस्ट्रेशन कार्ड चाहता है तो उसे डाक विभाग से लिफाफा खरीदकर पता लिखकर दस्तावेज के साथ संलग्न करना होगा। उसे डाक से भी कार्ड भेजा जाएगा।
नहीं करना होगा लंबा इंतजार
ठ्ठ रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं मिलने से गाड़ी मालिक को परेशानी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उसे बिना नंबर के गाड़ी चलानी होती है। ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने से चेकिंग के दौरान परेशानी होती है।
ठ्ठ हाथों-हाथ कार्ड मिलने से वह गुम नहीं होंगे। संबंधित व्यक्ति के पास पहुंच जाएगा। 30 से 45 दिन का इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा।
ठ्ठ नए कार्ड के लिए करीब 250 रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
ठ्ठ रजिस्ट्रेशन कार्ड व ड्राइविंग कार्ड बनाने का काम निजी कंपनी के हाथ में है। स्मार्ट चिप कंपनी इन कार्डों को तैयार करती है।
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