उमेश निगम ॥ भोपाल
बच्चों में स्वच्छता की आदत को डालने के लिए प्रदेश के सरकारी स्कूलों में होने वाली प्रार्थना अथवा हाजिरी के दौरान अब प्रतिदिन स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाएगा। प्रदेश का नगरीय प्रशासन विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है। बच्चों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने की यह पहल केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी के पत्र हुई है। पुरी ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस बारे में लिखा था।
शहरी क्षेत्र के स्कूलों में स्वच्छता का पाठ पढ़ाने की शुरुआत नगरीय प्रशासन विभाग के जिम्मे होगी जबकि ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में इस काम को ग्रमीण एवं पंचायत विभाग के हवाले रहेगी। केंद्रीय राज्य मंत्री के पत्र का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय ने इस काम को अंजाम देने के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव को नोटशीट भेजा है। केंद्रीय राज्य मंत्री पुरी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया है कि बच्चों और युवा वर्ग की समाज में परिवर्तन लाने में सर्वाधिक महत्ता होती है। अत: स्वच्छ भारत मिशन में बच्चों को शामिल करना और उनमें स्वच्छता के मूल्यों और सिद्धांतों को समाहित करना महत्वपूर्ण होगा ताकि वे इन संदेशों को समग्र समाज तक आगे ले जा सकें। इसलिए प्रदेश के सभी स्कूलों में स्वच्छता के लिए एक मिनट का विशेषतया सुबह की प्रार्थना अथवा हाजिरी के दौरान समय देने का अनुदेश दें। इस समय का उपयोग स्वच्छता की शपथ लेने अथवा स्त्रोत पर अपशिष्ट के पृथक्करण की शपथ लेने, अपने-अपने घरों में की जा सकने योग्य सामान्य स्वच्छता संबंधी कार्यों की जानकारी देने, स्वच्छता और साफ-सफाई की जानकारी देने, कूड़ा कचरा फैलाने, खुले में शौच करने, खुले में मूत्र त्याग के हानिकारक प्रभावों के बारे में बताने के लिए किया जा सकता है। इस पत्र के बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने अपने संचालनालय को इस बारे में आवश्यक कार्यवाही कर अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।
एक माह मंत्रालय में घूमती रही केंद्रीय मंत्री की चि_ी
केंद्रीय राज्यमंत्री हरदीप सिंह द्वारा मुख्यमंत्री को 15 जनवरी को पत्र लिख कर स्कूलों में स्वच्छता पाठ पढ़ाने का आग्रह किया था। सूत्रों के अनुसार यह पत्र 15 दिन तक सीएम सचिवालय में ही रखा रहा। मुख्यमंत्री कार्यालय से 30 जनवरी को इस बारे में नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को नोटशीट लिखी गई और वहां से संचालनालय तक निर्देश पहुंचने में फिर पंद्रह दिन लग गए। विभाग ने 15 फरवरी को इस बारे में अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन को पत्र और मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश भेजे। इसके बाद इस पर अमल के लिए कार्ययोजना बनाने का काम शुरू हुआ। खास बात यह है कि इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को शामिल करने की पहल मंत्रालय स्तर पर नहीं हुई। अब नगरीय प्रशासन संचालनालय इसके लिए पहल करेगा।
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