मप्र में जल्द आ सकते हैं गिर के एशियाई शेर

डॉ अनिल सिरवैया ॥ भोपाल
गुजरात के एशियाई शेरों को मप्र में विस्थापित करने का सालों पुराना मामला सुलझने के आसार बन रहे हैं। अप्रैल 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की लगातार अवमानना कर रही गुजरात सरकार आखिरकार ने एशियाई शेरों को मप्र में शिफ्ट करने को लेकर गंभीरता दिखाई है।
इस मामले को सुलझाने के लिए हाल ही में गुजरात सरकार ने दो सब कमेटियां बनाईं हैं। इन कमेटियों की रिपोर्टके बाद एशियाई शेरों को गिर से मप्र के पालपुर कूनों में शिफ्ट करने की कार्यवाही शुरू की जा सकती है। पहली सब कमेटी केन्द्रीय स्तर की है। गुजरात के चीफ वाइल्ड लाइफ कंजरवेटर की अध्यक्षता में बनी इस सब कमेटी में मप्र वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी साथ-साथ केन्द्रीय वन एवं मंत्रालय के प्रतिनिधि के साथ वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अधिकारियों सहित 9 सदस्यों को शामिल किया गया है। दूसरी सब कमेटी राज्यों के स्तर पर बनाइ गई है। इस कमेटी में राज्यों के पीसीसीएफ सहित वन और वन्यजीव अधिकारियों को शामिल किया गया है। यह समितियां मैत्रीपूर्ण तरीके से इस विवाद को हल करने के लिए सिफारिशें देंगी। यह सिफारिशें कूनो पालपुर में एशियाई शेरों के विस्थापन को लेकर गुजरात सरकार की आपत्तियों और उसकी आशंकाओं को लेकर होंगी।
2013 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी थी कमेटी
भारत सरकार ने गुजरात के गिर में एशियाई शेरों के बढ़ते दबाव व खतरे से बचाने के लिए मध्यप्रदेश के पालपुर कूनो में शिफ्ट करने का फैसला लिया था। इस फैसले के खिलाफ गुजरात सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2013 में फैसला सुनाया था कि 6 माह के भीतर एशियाटिक लायन को पालपुर कूनो अभ्यारण में शिफ्ट किया जाए। इसी फैसले के साथ सुप्रीम कोर्ट ने एक 12 सदस्यीय कमेटी इस काम के लिए गठित करने का फैसला सुनाया था। इसके बाद भी गुजरात सरकार लगातार आपत्तियां उठाती रही। हाल ही में बनी दोनों सब कमेटी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी कमेटी के नियंत्रण में रहेंगी।
यह हैं गुजरात सरकार की आपत्तियां
ठ्ठ कूनो पालपुर में एशियाई शेरों के लिए हरवास की उपयुक्त व्यवस्था नहीं है।
ठ्ठ अभयारण्य का क्षेत्रफल कम है।
ठ्ठ वन्य प्राणी संस्थान बता चुका है कूनो पालपुर को उपयुक्त
ठ्ठ भारत सरकार का वन्य प्राणी संस्थान देहरादून का दल पालपुर कुनो को शेरों के रहवास के लिए पूरी तरह उपयुक्त बता चुका है।
ठ्ठ गुजरात से शेरों को विस्थापित कर यहां लाने के बारे में भारत सरकार की विशेषज्ञ समिति की छह बैठकें हो चुकी हैं। आखिरी बैठक दिसंबर 2016 में पालपुर कुनो में ही हुई थी।
ठ्ठ दल ने निष्कर्ष दिया था कि पालपुर कुनो के रहवास क्षेत्र में सुधार हुआ है। यह क्षेत्र सिंहों के पुनर्वास के लिए उपयुक्त हो चुका है।


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