व्यवस्था ॥ रेलवे जल्द करेगा नियुक्ति, हर कोच में होगी ड्यूटी
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
ट्रेनों में काकरोज चूहे भागे के लिए पश्चिम मध्य रेलवे और भोपाल मंडल द्वारा बनाई गई रेल कोच मित्र सर्विस फेल साबित हुई है। यात्रियों को सफर के दौरान काकरोज और चूहों का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे इस परेशानी को दूर करने के लिए रेलवे सुपरवाइजर के तौर पर ट्रेनों में सर्विस कैप्टन तैनात करने जा रहा है। रेल मुसाफिरों की कई दिक्कतों को सफर के दौरान ही हल करने के मकसद से अलग तरह की यूनिफॉर्म पहने सर्विस कैप्टन पर ट्रेन में सफाई की निगरानी करने की जिम्मेदारी होगी। साथ ही ट्रेन के ऑपरेशन आदि में कोई समस्या है, तो संबंधित विभाग से मिलकर वह उसे दूर कराएगा। सुपरवाइजर के तौर पर ट्रेन में सिंगल इंचार्ज होने पर यात्रियों को काफी सहूलियत होगी। भोपाल मंडल में लगातार शिकायतों का पीटारा डीआरएम से लेकर रेलमंत्री तक पहुंचता था । इसके चलते रेल कोच मित्र के साथ सर्विस कैप्टन को तैनात किया जाएगा। भोपाल मंडल के अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में हुई सभी रेल मंडलों के डीआरएम के साथ बैठक में इस प्रस्ताव को रखा गया है। जल्द ही माह मार्च के आखिरी तक इस प्रयोग शुरू किया जाएगा।
सर्विस कैप्टन की जरूरत क्यों ?
भोपाल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि रेलवे कमेटी का कहना है कि रेलवे सफर के दौरान पैसेंजर्स को कई तरह की फैसिलिटी दे रहा है। इसके बावजूद यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी यात्रियों को हर सर्विस के लिए अलग-अलग अफसरों से कॉन्टैक्ट करना होता है। सुपरवाइजर के तौर पर ट्रेन में सिंगल इंचार्ज होने पर यात्रियों को सहूलियत होगी। सर्विस कैप्टन या सुपरवाइजर ट्रेन में दी जा रही सभी फैसिलेटीज से जुड़े लोगों से समन्वय बनाकर परेशानियों को दूर करेगा। ऐसे में पैसेंजर्स को सभी बुनियादी परेशानियों का हल सिंगल विंडो पर मिलेगा।
इन समस्याओं से लड़ेंगे
सर्विस कैप्टन
ठ्ठ सफर के दौरान सामान चोरी या गुम होने, बर्थ, विंडो, दरवाजों को लेकर परेशानी या कोच में कॉकरोच, चूहे होने पर आप सविर्स कैप्टन से शिकायत कर सकेंगे।
ठ्ठ इसके अलावा सर्विस कैप्टन की जिम्मेदारी होगी कि वह ट्रेन में सफाई का निरीक्षण करे। अगर मरम्मत या ऑपरेशन में कोई दिक्कत है, तो संबंधित डिपार्टमेंट से को-ऑडिनेट कर दूर कराएगा।
दो साल के अनुभव वाले कर्मचारी होंगे तैनात
सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए डिवीजन ऑन बोर्ड सुपरवाइजर्स का एक पूल बनाया जाएगा। दो साल के अनुभव वाले कर्मचारियों को सर्विस कैप्टन तैनात किया जाएंगे। सर्विस कैप्टन सर्विस को शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट की तर्ज पर चार जोन की दस ट्रेनों में तैनात कर जरूरत के मुताबिक इसमें बदलाव किया जाए। इसमें पश्चिम मध्य रेलवे को शामिल किया गया है।
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