विशेष संवाददाता ॥ भोपाल
आईएएस राहुल जैन की मुहिम यदि रंग लाती है तो देशी-विदेशी सैलानी शहरी क्षेत्र की नैरोगेज पर लाइट टे्रन से ऐतिहासिक शहर ग्वालियर के भ्रमण- दर्शन कर सकेंगे। इस संबंध में उन्होंने डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) को पत्र लिखा है। इसमें योजना की रुपरेखा के साथ ग्वालियर जिले के शहरी क्षेत्र में नैरोगेज ट्रैक का नक्शा भी मांगा गया है। पर्यटन को खासकर इसमें फोकस रखा गया है जिसमें मौजूदा नैरोगेज भी इसी ट्रैक पर चलेगी।
मालूम हो कि ग्वालियर में स्टेट टाइम में पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन के लिए नैरोगेज ट्रैक बिछाया गया था जिसपर ट्रेन ग्वालियर के विभिन्न हिस्सों सहित श्योपुर तक चलाया गया। पहले ग्वालियर में तानसेन रोड,गोला का मंदिर,गल्ला कोठार,जीवाजी गंज सहित जयविलास पैलेस तक में नैरोगेज ट्रैक था लेकिन धीरे धीरे बंद होते हुए अब ग्वालियर से घोसीपुरा,मोतीझील होते हुए श्योपुर तक संचालित है। मौजूदा स्थिति में सुबह और शाम ही इस ट्रैक पर ट्रेन गुजरती है और शहर में पहले जहां जहां ट्रैक चलकर बंद हुआ,अब वहां अतिक्रमण हो चुका है। दोपहर के समय को लेकर खासकर लाइट टे्रन चलाने की योजना है जिससे नैरोगेज ट्रेन पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं अगर नैरोगेज ट्रेन मोतीझील से संचालित कर दी जाती है तो सिटी ट्रैक पूरा खाली रह जाएगा। रेलवे भी ग्वालियर रेलवे स्टेशन की बजाए मोतीझील से चलाने की संभावना पर काम कर रहा है।
ऐसा होगा प्लान
सिटी में नैरोगेज का ट्रैक स्टेट टाइम का है जहां ग्वालियर से घोसीपुरा होते हुए ट्रेन गुजरती है और शेष जहां पहले का ट्रैक बिछा हुआ रखा है उसे भी अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। ग्वालियर ऐतिहासिक शहर है और इस ट्रैक पर राइट ऑफ वे यानी मार्ग अधिकार के साथ लाइट टे्रन का संचालन शहर के पर्यटन को बड़ी मजबूती दे सकता है। पर्यटन विभाग को यह प्रस्ताव भेजा जा रहा है जिससे वह ग्वालियर भ्रमण और या किसी दूसरी तर्ज पर ग्वालियर के सिटी नैरोगेज ट्रैक पर लाइट टे्रन का संचालन कर सकें। इससे तो विदेशी पर्यटकों को लुभाया जा सकेगा और स्थानीय स्तर पर भी लोगों में पर्यटन को लेकर उत्साह बढेगा।
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