विशेष संवाददाता ॥ भोपाल
अब अन्य कर्मचारी संगठनों क बाद अब बिजली कंपनियों से जुड़े कर्मचारी संगठनों ने भी अब सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। ये संगठन भी अब आंदोलन पर उतारू है। वे 7 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे।
आंदोलन के संबंध में मप्र यूनाइटेड फोरम के बैनर तले एक बैठक हुई जिसमें पदाधिकारियों ने रणनीति बनाई। इन लोगों ने चेतावनी भी दी कि उसके बाद भी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो अनिश्चितकालीन हताल की जाएगी। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि 31 दिसंबर 2017 को कंपनी में संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने का आश्वासन दिया गया था। साथ ही आउट सोर्स के कर्मचारियों का शोषण रोकने के लिए ठोस नीति का भी आश्वासन मिला था, लेकिन शासन ने इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया। स्वच्छ भारत अभियान के तहत सफाई करके शासन का ध्यान खींचने की कोशिश की गई, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। अब आंदोलन को उग्र करना होगा। सात मार्च को विधानसभा का घेराव करके ध्यान आकर्षित कराया जाएगा। उसके बाद मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। फोरम के पदाधिकारियों को सरकार ने लिखित में आश्वासन दिया था, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह कर्मचारियों के साथ वादा खिलाफी है।
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