ईपीएफओ ने अपने सभी जोनल और रीजनल ऑफिस को इस संबंध में सर्कुलर भेजा है.
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने प्रॉविडेट फंड समय से जमा नहीं करने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. ईपीएफओ ने रिकवरी के लिए बड़ा प्लान बनाया है. 2 महीने या इससे अधिक तक डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों में इंस्पेक्शन के लिए अब अधिकारियों को इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी. अभी तक ऐसी कंपनियों के इंस्पेक्शन के लिए सेंट्रल एनालिसिस इंटेलीजेंस यूनिट (सीएआईयू) से मंजूरी लेनी होती थी.
डिफॉल्ट के हिसाब से तय होगी जांच
ईपीएफओ ने अपने सभी जोनल और रीजनल ऑफिस को सर्कुलर भेजा है. अब रीजनल पीएफ कमिश्नर डिफॉल्ट की रकम पर तय करेगा कि किस कंपनी का इंस्पेक्शन पहले होगा. जिस कंपनी ने ज्यादा डिफॉल्ट किया होगा उसका इंस्पेक्शन पहले किया जाएगा. इन कंपनियों को डिफॉल्टर्स की ए और बी कैटेगरी में डाला जाएगा.
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