नई दिल्ली ॥ एजेंसी
चांद पर जल्दी ही भारत घर बनाने वाला है। इसरो ने इसकी तैयारी शुरू कर ली है। इसरो ने जिस योजना के बारे में बात की है, उसके मुताबिक जिस तरह के इग्लू भारत ने अंटार्कटिका पर बनाए हैं, बहुत कुछ उसी तरह की चौकियाँ चांद पर बनाई जाएंगी। चाँद पर ये चौकियाँ बनाने के लिए इसरो रोबॉट और 3डी प्रिंटर चांद पर भेजेगा।
अंटार्कटिका पर बनाई गई इस तरह की चौकियों को इग्लू कहा जाता है, जो बर्फ से बनाई गई हैं।लेकिन चांद पर बनने वाली चौकियाँ खास तरह की मिट्टी से बनाई जाएंगी, ये मिट्टी तकरीबन वैसी ही होगी जैसी मिट्टी चाँद पर होती है।
चांद पर भारत ने खरीदी थी जमीन
भारत ने अमेरिका से इस तरह की 10 किलो मिट्टी नासा से साल 2004 में खऱीदी थी। नासा की टीम अपोलो मिशन के दौरान ये मिट्टी लाने में कामयाब रही थी। उस वक़्त नासा को भारत ने 10 हज़ार रुपए प्रति किलो के हिसाब से 10 किलो मिट्टी के लिए 1 लाख रुपए दिये थे। लेकिन इस मिट्टी पर इसरो ने रिसर्च की और इससे मिलती जुलती मिट्टी भारत में तैयार कर ली। इसरो का दावा है कि भारत के पास ऐसी मिट्टी 60 टन यानि 60 हज़ार किलो से भी ज़्यादा है। माना जा रहा है कि ये मिट्टी तकऱीबन 99 प्रतिशत वैसे ही है, जैसी मिट्टी चाँद की सतह पर मौजूद है। इसरो फि़लहाल चंद्रयान-2 को भेजने के मिशन पर तेज़ी से काम कर रहा है लेकिन इसरो चाहता है कि कुछ ऐसा इंतजाम भी किया जाए जिससे वैज्ञानिक चांद पर ज़्यादा वक्त बिता पाएं। इसीलिए अब चांद पर नई चौकियां बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके लिए ढ्ढस्क्रह्र के वैज्ञानिकों ने 3ष्ठ प्रिंटर की मदद से चौकियों के डिज़ाइन तैयार करने शुरू कर दिये हैं और 5 डिज़ाइन तैयार किये गए हैं।
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