आरपीएफ ने भगवान भरोसे छोड़ा हबीबगंज स्टेशन
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
दो दिवसीय भोपाल दौरे पर रहे आरपीएफ के डीजी धर्मेंद कुमार के जाते ही आरपीएफ जवानों ने हबीबगंज स्टेशन को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। स्टेशन पर तैनात रहने के बजाय थाने में बैठना उचित समझा । स्टेशन के कई ऐसे प्वाइंटस् है, जहां से असामाजिकतत्व और चोर आए दिए प्लटफार्मों पर पकड़े जाते है। इसके बावजूद स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी के जवान तैनात नहीं रहते है।
24 फरवरी को रेलवे के डीजी धर्मेंद्र कुमार ने हबीबगंज स्टेशन पर निरीक्षण किया । इस दौरान स्टेशन पर जवानों की तैनाती दिखाई दी । जवान स्टेशन पर आने- जाने वाले हर सख्स की जांच कर कर रहे थे। स्टेशन पर जवानों की तैनाती देख डीजी ने जवानों की तारीफ की। सुरक्षा और गश्त करने के निर्देश दिए। जैसे ही डीजी रवाना हुए , जवानों की फौज भी स्टेशन से नदारत हो गई । माडल स्टेशन बनाने में जुटे रहने के चलते स्टेशन की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्टेशन पर इंटीग्रेटेड सुरक्षा के इंतजाम दिखाई नहीं देते हैं। आलम ये है कि स्टेशन पर कोई आए या जाए कोई पूछने वाला नहीं है। आप कुछ भी अपने बैग में लेकर स्टेशन के अंदर जा सकते है। बैग की जांच करने के लिए लैगेज स्नैकर नहीं है। इसकी पड़ताल के लिए सच एक्सप्रेस ने रात दस बजे हबीबगंज रेलवे स्टेशन के महत्वपूर्ण सुरक्षा के प्वाइंट पर जांच की । स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी के जवान नदारत रहें। स्टेशन पर ना तो मेटर डिडेक्टर था , ना ही लैगेज स्कैनर । जाहिर है कि स्टेशन की सुरक्षा में चूक हो ही जाती है। कई बार चैकिंग के अभाव में स्टेशन के प्लेटफॉर्म तक मादक पदार्थों की तस्करी करने के मामले भी सामने आए हैं।
स्पॉट
ठ्ठ आरक्षण केंद्र के सामने
ठ्ठ पीबीआई एटीएम के पास
ठ्ठ स्टेशन के प्लेटफार्म
ठ्ठ एक नंबर प्लेटफार्म और आरक्षण केंद्र
वीआईपी दौरे पर ही चौकसी
हबीबगंज स्टेशन पर आए दिन वीआईपी और राजनेताओं का आवागमन रहता है। इस बीच आरपीएफ और जीआरपी के जवान स्टेशन में दिखाई देते है। हाल के दिनों उमा भारती भोपाल एक्सप्रेस से दिल्ली जाने वाली थी। जैसे ही वायरलेस पर जवानों को सूचना लगी , वे चंद मिनटों में स्टेशन पर तैनात हो गए। यात्रियों की चैकिंग और रास्ता स्टेशन खाली करवाने लगे। जैसे ही उमा भारती रात नौ बजे रवाना हुई जवान भी गायब हो गए ।
निर्माण कार्य से स्टेशन में कई रास्ते
हबीबंगज स्टेशन का कायाकल्प का काम चल रहा है। स्टेशन पर आने – जाने वाले कई रास्ते बनाए गए है। जहां से भारी वाहन सामान पहुंचाते है । अब वहां से यात्रियों ने स्टेशन पर आना-जाना शुरू कर दिया है। वे सीधे ट्रेन के कोच से सामने पहुंचते है। इन जगहों पर सुरक्षा के लिए कोई भी जवान नहीं रखता है।
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