थम जाएगी जमीनों की कीमत

मंगलवार को जिला मूल्यांकन समिति को सौंपा जाएगा प्रस्ताव
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
राजधानी में लगातार तीन साल से प्रापर्टी के रेट में बेतहाशा बढ़ोतरी करने वाले पंजीयन विभाग ने इस बार प्रापर्टी के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव वापस ले लिया है, जिससे तीन साल में पहली बार शहर में कहीं भी प्रापर्टी के दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे। इसके पहले समिति में 38 चुनिंदा जगहों की करीब 150 कॉलोनियों में रेट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया था, जिससे इन जगहों पर पांच से 38 फीसदी तक की वृद्धि हो जाती। विरोध को देखते हुए समिति ने यू टर्न ले लिया है। रेट नहीं बढ़ाने से प्रापर्टी के बाजार में फिर रौनक आने की उम्मीद नजर आ रही है। एक अप्रैल से लागू होने वाली नई कलेक्टर गाइडलाइन के तहत शहर में प्रापर्टी के दाम तय किए जाने हैं। इसके तहत सब रजिस्ट्रार, तहसीलदार और पटवारियों ने शहर की 38 जगहों पर प्रापर्टी के रेट एक समान करने का प्रस्ताव रखा था। जिससे इन जगहों पर पांच से 30 फीसदी तक रेट बढ़ाए जाना प्रस्तावित किया गया था। रजिस्ट्रियों की तादाद घटने और आम लोगों के विरोध को देखते हुए इन जगहों पर बढ़े हुए रेट प्रस्तावित करने का प्रस्ताव रद्द कर दिया गया है, जिससे शहर में कहीं भी रेट नहीं बढ़ाए जाएंगे। मंगलवार को उपजिला मूल्यांकन समिति अपना प्रस्ताव जिला मूल्यांकन समिति को पेश करेगी। जिसके आधार पर आम लोगों से दावे, आपत्ति मांगे जाएंगे। इसके बाद जिला मूल्यांकन समिति के सदस्य बैठक रखकर रेट तय करेंगे। जिसे सीएस की केंद्रीय मूल्यांकन समिति को भेजा जाएगा।
जुड़ेंगी तीन नई कॉलोनियां
इस बार गाइडलाइन में तीन नई कॉलोनियों को जोड़ा गया है। जिसके रेट आसपास की गाइडलाइन के मुताबिक रखे जाएंगे। जिसमें नरेला शंकरी की गणेश गैलेक्सी, अमरावद खुर्द गैलेक्सी सिटी-2 और गोंदरमऊ की पतंजलि परिसर कॉलोनी को जोड़ा है। जिससे इन जगहों पर पहली बार अलग से रेट खोले जाएंगे।
अलग-अलग खुलेंगे रेट
कलेक्टर गाइडलाइन में अब तक लिंक रोड एक, दो और तीन को परिभाषित नहीं किया जाता था। इससे रजिस्ट्री में दिक्कत होती थी। अब कलेक्टर गाइडलाइन में लिंक रोड एक दो और तीन को अगल दर्ज कर दिया गया है। इसी तरह गाइडलाइन में सर्वधर्म कोलार दर्ज था, जबकि इसमें तीन सेक्टर है। इस बार सेक्टर भी दर्ज किए जा रहे हैं। हालांकि प्रापर्टी के रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। इधर भरत नगर रोड से अंदर को जोड़ा जा रहा है। एमपी नगर शेष में रेलवे पटरी किनारे के हिस्से को डिफाइन किया गया है।


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