देहरादून ॥ एजेंसी
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने एक अनोखी पहल की है। राज्य के प्रसिद्ध मंदिरों में अब सरकार स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद को प्रोत्साहित करेगी। इसके लिए देवभोग नाम से एक ब्रांड तैयार किया जाएगा। इसका भरपूर प्रचार-प्रसार होगा।
इस साल 80 लाख तीर्थयात्रियों तक इस प्रसाद की पहुंच बनाने का लक्ष्य रखा है। खास बात यह है कि बांस की खूबसूरत कंडी में पैक प्रसाद को बनाने में इस्तेमाल की गई सामग्री का भी ब्योरा पैकेट पर दर्ज होगा। सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस नए प्रयोग की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह प्रयास सरकार के उस लक्ष्य को भी सार्थक करने में मदद करेगा, जिसमें किसानों की आय को दोगुना करने की बात है। इसके अलावा, महिला सशक्तीकरण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। राज्य में कुल 625 श्राइन (मंदिर या तीर्थस्थान) हैं। इनमें प्रत्येक में देवभोग नाम का यह प्रसाद उपलब्ध कराया जाएगा। इसका निर्माण स्थानीय स्वयं सहायता समूह करेंगे और बिक्री के लिए संबंधित मंदिर के नजदीक नि:शुल्क स्थान की उपलब्धता सरकार के स्तर से सुनिश्चित कराई जाएगी।
इन चीजों से बनेगा प्रसाद
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे स्थानीय फसलों और बीजों को भी प्रोत्साहन और संरक्षण मिलेगा। उन्होंने बदरीनाथ धाम का उदाहरण भी दिया, जहां बीते वर्ष तीन महिला स्वयं सहायता समूहों ने स्थानीय उत्पाद मंडुवे, कुट्टू और चौलाई से प्रसाद तैयार किया। बांस और रिंगाल से बनी टोकरियों में इसकी पैकेजिंग की गई। बताया कि 10-10 महिलाओं के तीन समूहों ने बदरीनाथ धाम में मात्र दो महीने में 19 लाख रुपये का ऑर्गेनिक प्रसाद बेचा।प्रसाद की इनपुट लागत 10 लाख रुपये रही और 9 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ। इस तरह समूह की प्रत्येक महिला को 30 हजार रुपये की आमदनी हुई। इस प्रयोग की सफलता के बाद प्रदेश के 625 मंदिरों में स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद बेचे जाने की तैयारी शुरू की गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में हर वर्ष करीब तीन करोड़ श्रद्धालु आते हैं। इनमें से मात्र 80 लाख श्रद्धालुओं को 100-100 रुपये का प्रसाद बेचा जाए तो महिला समूहों को 80 करोड़ का व्यवसाय मिल सकता है और इसमें से आधी राशि मुनाफे में तब्दील हो सकती है। इससे स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगे। इस अवसर पर पद्मश्री अनिल जोशी, सूचना सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट, मीडिया कोऑर्डिनेटर दर्शन सिंह रावत मौजूद रहे।
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