चुनावी बजट: टेंशन में सरकार, वित्त मंत्री से खर्चों पर चर्चा

– मुंगावाली से लौटते ही सीएम ने बुलाया वित्त मंत्री को

– आज भी होगा हिसाब-किताब को पर मंथन

– 28  को आएगा प्रदेश का बजट

प्रशासनिक संवाददाता, भोपाल

प्रदेश की भाजपा सरकार अपने तीसरे कार्यकाल के आखिरी बजट को लेकर बेहद सतर्कता बरत रही है। सरकार इस बार दोहरी मुसीबत में है। चुनाव से पहले लोक लुभावन बजट भी लाना है और मुख्यमंत्री की उन घोषणाओं को पूरा करने के लिए भारी धनराशि की व्यवस्था भी करना है, जो बजट से पहले अध्यापक, किसानों को खुश करने के और मुंगावली-कोलारस उपचुनाव के दौरान की गईं हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इन घोषणाओं ने वित्त विभाग की पिछले छह महीने की कसरत पर पानी सा फेर दिया है।

पिछले छह महीनों में विभागों के साथ विचार-विमर्श करके वित्त विभाग ने जो बजट का स्वरूप निर्धारित किया था, उसमें बड़ा बदलाव ऐनवक्त पर होने जा रहा है। बजट के राजनीतिक पहलुओं पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री चौहान ने गुरूवार को कोलारस-मुंगावली से लौटते ही वित्त मंत्री जयंत मलैया को मुख्यमंत्री निवास पर बुलाकर करीब एक घंटे चर्चा की। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के बीच हुई ज्यादातर मुख्यमंत्री की घोषणाओं को पूरा करने के लिए बजट की व्यवस्था पर केंद्रित रही। इसी तरह बजट में की जाने वाले नईघोषणाओं और इनके लिए राशि की व्यवस्था को लेकर दोनों के बीच मंथन हुआ। बताया जा रहा है कि विपरीत परिस्थितियों के बीच मुख्यमंत्री चौहान को मुंगावली और कोलारस से कुछ अच्छे संकेत मिले हैं, लिहाजा इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों की गई घोषणाओं को पांच महीने में पूरा करने के संभावित एक्शन प्लान पर चर्चा करते हुए राशि की व्यवस्था के लिए वित्त मंत्री को तैयार रहने को कहा गया है। इधर बताया जा रहा है कि आज भी मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री के बीच इस मामले सहित पूरे बजट को लेकर चर्चाहोने की उम्मीद है।

28  को आएगा बजट

प्रदेश की भाजपा सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट 28  फरवरी को विधानसभा में पेश करेगी। बजट की सत्र की शुरूआत 26  फरवरी से हो रही है। पहले दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण होगा। दूसरे दिन 27 फरवरी को दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित होगी। 28  को वित्त मंत्री जयंत मलैया सदन में बजट पेश करेंगे।

गुजरात जल विवाद पर चर्चा के लिए बुलाई बैठक

इधर मुख्यमंत्री चौहान ने गुजरात के साथ जल रहे जल विवाद पर चर्चाकरने के लिए नर्मदा कंट्रोल अथॉरिटी की बैठक भी आज बुलाई है। इस बैठक में एनवीडीए की परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चाके साथ नर्मदा से अतिरिक्त जल की गुजरात की मांग और इससे उत्पन्न होने वाली संभावित परिस्थितियों पर विचार किया जाएगा। इस बैठक में एनीवीडीए के मंत्री लालसिंह आर्य के अलावा वित्त मंत्री जयंत मलैया भी शामिल होंगे।

सीएम की घोषणाओं पर केंद्रित होगा बजट

सूत्रों के अनुसार इस बार बजट का फोकस सीएम की अब तक की घोषणाओं को पूरा करने पर होगा। बजट में नई योजना की घोषणा की उम्मीद बेहद कम है। मुख्यमंत्री द्वारा अध्यापक संवर्ग, किसानों को गेहूं खरीदी पर बोनस, मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना के अलावा अलग-अलग वर्गों के लिए की गई घोषणाओं को ही नईयोजना और कार्यक्रमों का रूप देकर इनके लिए राशि का प्रावधान किया जाएगा।

सरकार की मुसीबत

चुनावी साल में सरकार के साथ सबसे बड़ी मुसीबत नए टैक्स से बचते हुए भारी-भरकम खर्चों के लिए राशि की व्यवस्था करना है। लगातार घाटे में जा रही सरकार बाजार से बार-बार लोन लेकर अपने खर्चे पूरे कर रही है। आय और व्यय के भारी अंतर के बीच लुभावनी घोषणाएं और नए-नए कार्यक्रमों ने  प्रदेश के वित्तीय प्रबंधन पहले ही गड़बड़ा दिया है। ऐसे में चुनावी साल को ध्यान में रखते हुए आय और व्यय में संतुलन बनाने के रास्ते खोजे जा रहे हैं।


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