डेबिट, के्रडिट कार्ड, ई-वॉलेट के इस्तेमाल से बढ़े फोन धोखाधड़ी के मामले

एजेंसी.नई दिल्ली
फोन पर वित्तीय धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। विशेष रूप से डेबिट और के्रेडिट कार्ड, ई-वॉलेट का इस्तेमाल कर फोन धोखाधड़ी में इजाफा हो रहा है। गृह मंत्रालय ने इस पर चिंता जताते हुए कहा है कि सभी राज्यों को इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। मंत्रालय ने खुफिया ब्यूरो (आईबी) को राज्य सरकारों के साथ संयोजन के लिए नोडल एजेंसी नामित किया है। एक सूचना में गृह मंत्रालय ने कहा कि यह संज्ञान में आया है कि मोबाइल फोन और ई-वॉलेट का इस्तेमाल कर वित्तीय धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। इस तरह की धोखाधड़ी करने वाले लोग विभिन्न तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं।
मंत्रालय ने कहा कि आम भारतीयों द्वारा डिजिटल भुगतान बढऩे की वजह से फोन धोखाधड़ी बढ़ रही है विशेष रूप से डेबिट और क्रेडिट कार्ड तथा ई-वॉलेट के इस्तेमाल के जरिए धोखाधड़ी के मामलों में इजाफा हो रहा है बयान में कहा गया है कि मंत्रालय इस तरह की धोखाधड़ी के मामलों से चिंतित है। मंत्रालय के तहत फोन धोखाधड़ी पर एक अंतर मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है जो कि समय-समय पर इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं की समीक्षा कर रही है। मंत्रालय ने कहा है कि ज़्यादातर मामलों में धोखाधड़ी 50 हजार रुपए से नीचे की है। इनमें से कुछ मामले ऐसे हैं जहां उपभोक्ता खुद ही अपने डेबिट या के्रडिट कार्ड, एटीएम पिन और ओटीपी की जानकारी देकर धोखाधड़ी करने वालों का निशाना बन जा रहे है।
मंत्रालय के अनुसार कुछ मामलों में कुछ मामलों में उपभोक्ताओं को इस बारे में जानकारी ही नहीं लग पाती कि उनके साथ धोखाधड़ी हो गई है। इन मामलों को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से आग्रह किया गया है कि वह ई-वॉलेट जारी करने वाली संस्थाओं के अपने नोडल अधिकारियों को निर्देशित करे कि वे कानून स्थापित करने वाली एजेंसियों से सहयोग बनाए रखें। सभी राज्यों से कहा गया है कि फोन से होने वाली धोखाधड़ी के मामलों की निगरानी के लिए वह एक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक या पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी को बतौर नोडल अधिकारी नियुक्त करें।


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