सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा इस तराना-ए-हिंद के लिखने वाले अल्लामा इकबाल आज हमारे बीच नहीं हंै परंतु उनकी कुछ यादें आज हमारे बीच हैं। उनके ही नाम पर शहर के बीचों बीच बनाए गए खिन्नी वाले मैदान का नाम इकबाल मैदान रखा गया था। इस इकबाल मैदान में उनकी नजमों में कई जगह जिक्र की गई शाहीन चिडिय़ा को भी लोहे की बनाया गया और इसके आस-पास फुवारे लगाए गए है। इकबाल मैदान के सामने ही मोती मस्जिद चोराहे पर एक पत्थर रूपी इकबाल की कलम दवात भी रखी गई है और चौराहे पर साज सज्जा कर के रंग बिरंगी लाइट लगा कर एक फव्बारे का निर्माण भी किया गया है। लेकिन आज यह सब अपनी किस्मत पर रो रहें हैं क्योंकि न तो नगर निगम और न ही प्रशासन इन की सुध रह रही हैं। आलाम यह है कि चौराहे पर लगा फव्बार वर्षों से बंद पड़ा है और इसमें जमा गंदे पानी से गंदी बदबू आने के साथ ही कई गंभीर बीमारी का कारण बन रहा है। वहीं दूसरी ओर नगर निगम भोपाल को स्वच्छ बनाने की बात करता रहता है।
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