भोपाल।
प्रदेश में लाइब्रेरी एक्ट न होने का खाजियाजा स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों का उठाना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि 8 0 फीसदी लाइब्रेरियां कॉलेजों में प्यून या बाबूओं के भरोसे हैं। जिनमें किताबों को लेकर भी विवाद की स्थिति बनी रहती है। स्कूलों की स्थिति तो और भी खराब है। प्रदेश के 75 फीसदी सरकारी स्कूलों में अब भी लाइब्रेरी नहीं हैं।
2013 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विजन 2018 के मुख्य लक्ष्य में लाइब्रेरी एक्टको शामिल किया था। इसकी जिम्मेदारी स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपी गई थी। स्कूल शिक्षा विभाग ने विशेषज्ञों की एक समिति बनाकर 27 अक्टूबर 2017 को अंतिम बैठक कर अधिनियम को अंतिम रूप दिया था। समिति ने प्रस्ताव आयुक्त लोक शिक्षा को सौंप दिया है।
बताया जा रहा है कि इसके प्रमुख प्रावधानों में स्कूल शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में राज्य पुस्तकालय परिषद् का गठन किया जाएगा एवं आयुक्त लोक शिक्षा इसके संचालक होगें। इसका कार्य राज्य में पुस्तकालयों की विकास योजना बनाना एवं उसे कार्यान्वित करना होगा। इसके तहत राज्य केन्द्रीय पुस्तकालय, संभागीय पुस्तकालय, जिला पुस्तकालय, तहसील पुस्तकालय, ग्रामीण पुस्तकालय, चल पुस्तकालयों की स्थापना एवं इन्हें उन्नत किया जाएगा। यह समिति प्रदेश में स्थापित निजी पब्लिक लाइब्रेरी को भी मान्यता देगी।
19 राज्यों में एक्ट लागू
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ सहित देश के 19 राज्यों में पूर्व से ही पब्लिक लाइब्रेरी एक्ट लागू किया जा चुका है। मध्यप्रदेश पुस्तकालय संघ ने कई बार स्कूल शिक्षा मंत्री को मध्यप्रदेश में पब्लिक लाइब्रेरी एक्ट लागू करने के लिए ज्ञापन दिया। मुख्यमंत्री ने 13 अगस्त को पंडि़त दीनदयाल परिसर के सभागार में आयोजित मध्यप्रदेश पुस्तकालय संघ के सम्मेलन में पुस्तकालय अधिनियम लागू करने हेतु घोषणा की थी।
यह लोग हैं समिति में शामिल
इस समिति में विभागाध्यक्ष पुस्तकालय डॉ. प्रभात पांडेय एवं सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय से डॉ. एसएस कुशवाह पुस्तकालयाधयक्ष, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी डॉ. पी के त्रिपाठी पुस्तकालयाधयक्ष, क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान से डॉ. एस के पाठक पुस्तकालयाधयक्ष ,भारतीय विज्ञान शिक्षा संस्थान डॉ. लक्ष्मी शरण मिश्रा, मेनेजर स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी, डॉ वंदना शर्मा, क्षेत्रीय पुस्तकालयाधयक्ष मौलाना आजाद केन्द्रीय पुस्तकालय भोपाल, डॉ. राकेश खरे पुस्तकालयाधयक्ष शासकीय महाविद्यालय भोपाल शामिल हैं।
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