सीमेंट फर्मों पर सीसीआई की टेढ़ी नजर –  6 प्रमुख सीमेंट कंपनियों के साथ सांठगांठ कर कीमतें अधिक रखने का आरोप

 

एजेंस.नई दिल्ली

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) एक बार फिर सीमेंट क्षेत्र में सांठगांठ खत्म करने पर काम कर रहा है। प्रारंभिक जांच में इस बार पूर्वोत्तर क्षेत्र में 6 अग्रणी सीमेंट कंपनियां सांठगांठ में लिप्त पाई गईं। मामले के जानकार सूत्रों ने कहा कि ताजा जांच में पाया गया कि 6 बड़ी सीमेंट विनिर्माताओं ने बाजार का बेजा फायदा उठाने के लिए आपस में सांठगांठ की थी। अभी इस मामले की प्रारंभिक जांच की गई है और आगे अन्य सीमेंट कंपनियां भी सीसीआई की जांच के जद में आ सकती हैं।

सूत्रों ने बताया कि सीसीआई जांच से पता चलता है कि सीमेंट विनिर्माताओं ने आपस में सांठगांठ कर कीमतें काफी ज्यादा रखीं, जिससे आम जनता को नुकसान हुआ। अन्य क्षेत्रों में भी सीमेंट कंपनियों की सांठगांठ की जांच की जा सकती है। पता चला है कि प्रतिस्पर्धा आयोग उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है,जिससे उपभोक्ताओं पर सीधा प्रभाव पड़ता है। वाहन क्षेत्र में कल-पुर्जो को लेकर सांठगांठ में लिप्त फर्मों पर जुर्माना लगाने के बाद सीसीआई ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर ध्यान दिया था। सीमेंट उद्योग एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर सीसीआई की हमेशा नजरें बनी रहती हैं।

इस आदेश में सीमेंट विनिर्माताओं और उनके संगठन पर सीमेंट के दाम तय करने के लिए समान पोर्टल का उपयोग करने का दोषी ठहराया गया था। वर्ष 2017 में हरियाणा सरकार की ओर से जारी सीमेंट निविदा में सांठगांठ का पता चला था और सीसीआई ने अंबुजा, अल्ट्राटेक जैसी सीमेंट कंपनियों पर 206 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। इसकी जांच 2014 में शुरू हुई थी और आदेश 2017 में आया। आदेश में कहा गया कि कंपनियों के अधिकारियों द्वारा एसएमएस के आदान-प्रदान और कॉल के जरिए प्रतिस्पर्धा-रोधी आचरण किया गया। राज्य सरकार के आपूर्ति एवं निष्पादन निदेशक द्वारा की गई शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया था। अभी यह मामला अपीलीय ट्रिब्यूनल स्तर पर लंबित है।


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